देहरादून: बात पहाड़ की मिट्टी की करें या उस मिट्टी में उपजे अनाज और दालों के स्वाद की या पहाड़ के चटकीले नमक या पहाड़ के अचार और घी के महक की इस जगह की हर चीज अनोखी है. अपने गांव से दूर देहरादून शहर में इन उत्पादों के शौकीन मिल ही जाएंगे. वहीं इसे याद करने वालों के लिए देहरादून में ही ‘रस्याण’ लोगों तक पहाड़ी उत्पाद पहुंचा रही है. यहां पहाड़ी दालें, पहाड़ी उत्पाद, पहाड़ी जूस ,पहाड़ी नमक, पहाड़ी जेवर और पहाड़ की संस्कृति को बयां करने वाली किताबें भी आपको मिल जाएंगी.
दुकान संचालक ललित बताते हैं कि पिछले 12 सालों से वह पहाड़ के उत्पादों को राजधानी देहरादून में लोगों तक पहुंचाने का काम कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि उनकी दुकान पर पहाड़ी दालें, चकराता का राजमा , हर्षिल का राजमा, घी, अचार, बुरांश का जूस जैसे सभी उत्पाद मिल जाते हैं. उन्होंने बताया कि- हमारी कोशिश रहती है कि हम भारतीय संस्कृति को बचाने के लिए और लोगों तक इन उत्पादों की पहुँच के लिए काम करें.
मांगलिक कार्यों के लिए कई ज्वेलरी
ललित का कहना है कि गढ़वाली और कुमाऊनी ज्वेलरी भी हमने अपनी दुकान पर रखी है ताकि लोग विवाह आदि मांगलिक कार्यों में इनको पहन सकें. इसके अलावा पहाड़ के इतिहास को बयां करने वाली किताबें भी यहां आपको मिल जाएंगी.ललित बताते हैं कि उनसे चकराता, उत्तरकाशी, पौड़ी और रुद्रप्रयाग जैसे राज्य के कई किसान और संस्थाएं जुड़ी हैं जो तरह – तरह के उत्पादों को तैयार करती है. इस तरह रस्याण कई लोगों को रोजगार और किसानों को मार्केटिंग प्लेटफॉर्म प्रदान कर रहा है.
पहाड़ के उत्पादों की है डिमांड
दुकान पर खरीदारी करने आए राजेंद्र बताते हैं कि वह पिछले 5-6 सालों से यहां से खरीदारी कर रहे हैं. वह अपने गांव से दूर रहते हैं और पहाड़ के उत्पादों का स्वाद लेने के लिए रस्याण से पहाड़ी दालें, चावल और नमक जैसी चीजें खरीदने आते हैं. उनका कहना है कि देहरादून में ही उन्हें ये चीजें मिल जाती हैं, नके लिए पहले पहाड़ जाना पड़ता था.
कैसे आप पहुंच सकते हैं रस्याण ?
अगर आप भी पहाड़ी स्वाद मिस करते हैं और कोदा, झंगोरा, बुरांश का जूस आदि का स्वाद लेना चाहते हैं तो आप देहरादून के दर्शनलाल चौक पहुँचे,जहां से सेंट थॉमस स्कूल की ओर जाते हुए आपको दाहिने हाथ पर यह दुकान मिल जाएगी. हां से आप खरीदारी कर सकते हैं.